कितने मीठे मीठे लोग
देखो कितने फीके लोग
रोयेगा मत चख़ कर देख
हैं मिर्ची से तीखे लोग
देख पड़ोसी की तकलीफ़
दीये जलाते घी के लोग
तू अपने बचने की सोच
तेरे आगे - पीछे लोग
इक 'तन्हा' की सुनता कौन
जिसका वक़्त उसी के लोग
-- प्रमोद कुमार कुश 'तनहा'
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