मंगलवार, 1 जनवरी 2008

रात तो होती है ...

दिन अगर हासिल नहीं हैं , रात तो होती है।
ग़म की तमाम उम्र ही बरसात तो होती है।
कुछ फ़र्क नहीं हमसे वो नाराज़ हैं 'तनहा'
तन्हाईयों से अपनी भी कुछ बात तो होती है।

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