बुधवार, 16 जनवरी 2008

कितने मीठे मीठे लोग.....

कितने मीठे मीठे लोग
देखो कितने फीके लोग

रोयेगा मत चख़ कर देख
हैं मिर्ची से तीखे लोग

देख पड़ोसी की तकलीफ़
दीये जलाते घी के लोग

तू अपने बचने की सोच
तेरे आगे - पीछे लोग

इक तन्हा की सुनता कौन
जिसका वक़्त उसी के लोग

-- प्रमोद कुमार कुश 'तनहा'

3 टिप्‍पणियां:

mehek ने कहा…

kya baat hai sundar.mirchi se tikhe log.

Reetesh Gupta ने कहा…

इक तन्हा की सुनता कौन
जिसका वक़्त उसी के लोग

आपकी कुछ अन्य गज़ले भी पढ़ी...बहुत अच्छा लगा ...बधाई

meenakshi ने कहा…

very nice...!!